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गुरु महिमा पर कबीरदास : गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।। #kabirdas #hindi #litrature #guru #teachersday #viralhindinews

**गुरु महिमा पर कबीरदास:**


कबीरदास जी ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है कि गुरु का स्थान सर्वोपरि है। गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है क्योंकि गुरु ही वह मार्गदर्शक हैं जो शिष्य को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। 


कबीरदास कहते हैं:

गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।


इसमें कबीर कहते हैं कि जब गुरु और गोविंद (भगवान) दोनों एक साथ खड़े हों, तो पहले किसके चरणों में प्रणाम करें? वे कहते हैं कि पहले गुरु के चरणों में प्रणाम करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही भगवान से मिलवाने का मार्ग दिखाया है। 


कबीरदास ने गुरु को साधक के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण माना है और कहा है कि गुरु के बिना सच्चे ज्ञान की प्राप्ति असंभव है। उनके अनुसार, गुरु ही वह दीपक हैं जो शिष्य के जीवन को प्रकाशमान करते हैं और उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।


कबीरदास के अनुसार, सच्चे गुरु की पहचान उसकी कृपा से होती है, जो शिष्य को मोक्ष की ओर ले जाती है। इसीलिए, कबीरदास ने गुरु की महिमा का गान किया है और उन्हें सर्वोच्च स्थान प्रदान किया है।



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