INS Arighat के भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत की रक्षा क्षमताओं में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।
INS Arighat भारतीय नौसेना की एक परमाणु शक्ति से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN) है। यह **अरिहंत क्लास** की दूसरी पनडुब्बी है, जो भारत में बनाई गई है। अरिहंत क्लास पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना के रणनीतिक बल कमान (SFC) के तहत रखा गया है, जिसका मुख्य कार्य भारत की सामरिक परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना है।
INS Arighat की प्रमुख विशेषताएँ: 1. **विस्थापन (Displacement):** INS Arighat का वजन सतह पर लगभग 6,000 टन और पानी के अंदर लगभग 7,000 टन है।
2. **लंबाई:** यह पनडुब्बी लगभग 111 मीटर लंबी है।
3. **प्रणोदन (Propulsion):** INS Arighat एक परमाणु रिएक्टर द्वारा संचालित होती है, जिससे यह बिना सतह पर आए लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है। यह पनडुब्बी अनिश्चितकालीन संचालन की क्षमता रखती है जब तक कि इसके क्रू और आवश्यक सामग्री जैसे भोजन आदि उपलब्ध हो।
4. **सशस्त्र क्षमता:** INS Arighat में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (SLBMs) तैनात की जा सकती हैं। यह पनडुब्बी 12 K-15 Sagarika मिसाइलों या 4 K-4 मिसाइलों को ले जाने की क्षमता रखती है, जो दुश्मन के ठिकानों पर परमाणु हमले कर सकती हैं।
5. **सेंसर और युद्ध प्रणाली:** इसमें अत्याधुनिक सेंसर और युद्ध प्रणाली स्थापित हैं, जो इसे समुद्र के नीचे दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों का पता लगाने और उन पर हमला करने में सक्षम बनाती हैं।
INS Arighat का निर्माण भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पनडुब्बी भारत की सामरिक परमाणु ताकत को और मजबूत करती है, जिससे भारत की समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित होती है।
अब SSNs (Nuclear-powered Attack Submarines) और SSBNs (Nuclear-powered Ballistic Missile Submarines) के बारे में समझते हैं।
SSNs (अटैक पनडुब्बियां): SSNs छोटी, तेज़ और अधिक फुर्तीली होती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों का पता लगाना और उन्हें नष्ट करना होता है। ये पनडुब्बियां तेजी से स्थान बदल सकती हैं और लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती हैं, जिससे इनकी पहचान करना मुश्किल होता है। ये गहरे समुद्र में भी दुश्मन के खिलाफ बड़े प्रभावी ढंग से हमला कर सकती हैं।
SSBNs (बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां): SSBNs बड़े आकार की होती हैं और इनमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (SLBMs) ले जाने और लॉन्च करने की क्षमता होती है। इनका मुख्य उद्देश्य दुश्मन को परमाणु हमला करने से रोकना और प्रतिशोध की क्षमता को बनाए रखना है। ये पनडुब्बियां गहरे पानी में रहकर अपने लक्ष्य पर मिसाइलें दाग सकती हैं, जिससे इन्हें ट्रैक करना और नष्ट करना बेहद कठिन हो जाता है।
INS Arighat का शामिल होना इस बात का संकेत है कि भारत की परमाणु त्रय (nuclear triad) अब और भी मजबूत हो गई है। SSNs और SSBNs दोनों ही समुद्री ताकत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे भारत की रणनीतिक और सुरक्षा क्षमताओं में बढ़ोतरी होती है।
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