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**सरोगेसी (Surrogacy)** , सरोगेसी का कानून , सरोगेसी एक जटिल और संवेदनशील प्रक्रिया है #surrogacy #bloodrelation #surrogacyinindia

  **सरोगेसी (Surrogacy)** एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला (सरोगेट मदर) किसी और के बच्चे को गर्भ में धारण करती है और जन्म देती है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब किसी कारणवश एक महिला अपने बच्चे को खुद गर्भ में धारण नहीं कर सकती। 

सरोगेसी के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. **पूर्ण सरोगेसी (Gestational Surrogacy):** इस प्रकार की सरोगेसी में, गर्भधारण के लिए महिला के अंडाणु (Egg) और पुरुष के शुक्राणु (Sperm) का उपयोग किया जाता है और उसे सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया में सरोगेट मदर का जैविक संबंध बच्चे से नहीं होता।

2. **पारंपरिक सरोगेसी (Traditional Surrogacy):** इसमें सरोगेट मदर का अंडाणु और इच्छुक पिता का शुक्राणु मिलाकर गर्भधारण कराया जाता है। इस स्थिति में सरोगेट मदर का बच्चे से जैविक संबंध होता है।

### सरोगेसी का कारण- **स्वास्थ्य समस्याएं:** अगर महिला को कोई स्वास्थ्य समस्या है जिसके कारण वह गर्भधारण नहीं कर सकती, तो सरोगेसी एक विकल्प हो सकता है।

- **बांझपन:** जिन दंपत्तियों को गर्भधारण में कठिनाई होती है, वे भी सरोगेसी का सहारा लेते हैं।

- **गर्भाशय की समस्या:** यदि महिला का गर्भाशय न हो या गर्भाशय में कोई गंभीर समस्या हो, तो सरोगेसी का विकल्प अपनाया जा सकता है।

### सरोगेसी का कानून

भारत में सरोगेसी के लिए कई कानून और नियम हैं। भारतीय सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 के अनुसार:

- केवल **नैतिक** और **अल्ट्रूइस्टिक** सरोगेसी की अनुमति है, जिसमें सरोगेट मदर को केवल चिकित्सा खर्च और बीमा का भुगतान किया जाता है। वाणिज्यिक सरोगेसी पर रोक लगा दी गई है।

- सरोगेट मदर का विवाहित होना और उसके अपने बच्चे होने चाहिए।

- इच्छुक दंपत्ति को कुछ विशेष योग्यता पूरी करनी होती है जैसे कि भारतीय नागरिक होना, और दंपत्ति में से एक को बांझपन की समस्या होनी चाहिए।

भारत में सरोगेसी से संबंधित कानूनों में 2023 में संशोधन किए गए थे। भारतीय सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य सरोगेसी के प्रावधानों को और अधिक स्पष्ट और सुव्यवस्थित करना था।

## 2023 में हुए प्रमुख संशोधन:

1. **सरोगेट मदर की पात्रता में बदलाव:**

   पहले, सरोगेट मदर बनने के लिए एक महिला का विवाहित होना अनिवार्य था और उसके पहले से कम से कम एक बच्चा होना आवश्यक था। 2023 के संशोधन के बाद, अब एक अविवाहित महिला (जैसे कि तलाकशुदा या विधवा) भी सरोगेट मदर बन सकती है, बशर्ते कि वह सभी आवश्यक चिकित्सा और कानूनी शर्तों को पूरा करती हो।


2. **सरोगेसी बोर्ड की संरचना में बदलाव:**

   2023 के संशोधन में राष्ट्रीय और राज्य सरोगेसी बोर्डों की संरचना को अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्वात्मक बनाने के लिए बदलाव किए गए हैं। इन बोर्डों में अब विशेषज्ञों और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।


3. **कानूनी प्रक्रिया में सुधार:**

   सरोगेसी से जुड़े कानूनी प्रक्रियाओं को और अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए संशोधन किए गए हैं। इसमें इच्छुक दंपत्ति और सरोगेट मदर के अधिकारों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।


4. **वाणिज्यिक सरोगेसी पर सख्ती:**

   2023 में भी वाणिज्यिक सरोगेसी पर प्रतिबंध कायम रखा गया है। केवल परोपकारी (अल्ट्रूइस्टिक) सरोगेसी की ही अनुमति है, जिसमें सरोगेट मदर को केवल चिकित्सा खर्च और बीमा का भुगतान किया जा सकता है।


5. **सरोगेट मदर और बच्चे के अधिकार:**

   संशोधन में सरोगेट मदर और सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे के अधिकारों को और अधिक सुरक्षित किया गया है। इसमें बच्चे की नागरिकता, धर्म, और उत्तराधिकार से जुड़े मुद्दों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।


### निष्कर्ष:

2023 के संशोधनों का उद्देश्य सरोगेसी प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित, न्यायसंगत और पारदर्शी बनाना था। इसके माध्यम से सरोगेट मदर और इच्छुक दंपत्ति दोनों के अधिकारों की रक्षा की गई है और साथ ही सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं।

### प्रक्रिया


### सरोगेसी का कानून शामिल हैं:

1. इच्छुक दंपत्ति और सरोगेट मदर का चयन।

2. सभी कानूनी अनुबंधों का निष्पादन।

3. चिकित्सा प्रक्रियाएं, जैसे अंडाणु और शुक्राणु का निष्कर्षण और प्रत्यारोपण।

4. गर्भधारण की देखरेख और बच्चे का जन्म।


### सरोगेसी से जुड़ी चुनौतियाँ

- **भावनात्मक चुनौतियाँ:** सरोगेट मदर और इच्छुक माता-पिता दोनों के लिए भावनात्मक चुनौतियाँ हो सकती हैं।

- **कानूनी मुद्दे:** सरोगेसी से जुड़े कानूनी मामले जटिल हो सकते हैं और इसमें सावधानीपूर्वक अनुबंध की आवश्यकता होती है।

- **स्वास्थ्य जोखिम:** सरोगेट मदर के लिए स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं, जिनमें गर्भधारण से जुड़े सामान्य जोखिम भी शामिल हैं।


### निष्कर्ष

सरोगेसी एक जटिल और संवेदनशील प्रक्रिया है जो उन दंपत्तियों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो अपने जैविक बच्चे की चाह रखते हैं, लेकिन इसके लिए कानूनी और नैतिक पक्षों का ध्यान रखना आवश्यक है।







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