जयशंकर ने हाल ही में एक किताब के विमोचन के दौरान पाकिस्तान के साथ बातचीत की स्थिति पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने बातचीत का दौर खत्म कर दिया है, और इस स्थिति में भारत हर कदम का जवाब उसी की भाषा में देगा।
जयशंकर के इस बयान से यह साफ है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ मुद्दों को उसी तरह सुलझाने के लिए तैयार है जैसे पाकिस्तान ने अपने कदम उठाए हैं।
इस टिप्पणी में पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनाव और हाल की घटनाओं की ओर संकेत किया गया है, जहां दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई है। यह बयान यह भी दर्शाता है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को लेकर अधिक सतर्क और आक्रामक दृष्टिकोण अपनाने की स्थिति में है।
अनुच्छेद 370 समाप्त हो चुका है: विदेश मंत्री
उन्होंने पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर आगे कहा कि हर एक एक्शन का रिएक्शन होता है। जहां तक जम्मू एवं कश्मीर की बात है तो अनुच्छेद 370 समाप्त हो चुका है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ हम किस तरह के रिश्ते के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद और बातचीत को एक साथ नहीं देख सकता है और पाकिस्तान को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना होगा यदि वह भारत के साथ बातचीत करना चाहता है।
हमने कई बार बातचीत करने की कोशिश की
विदेश मंत्री का यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों में आए तनाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा, 'हमने अतीत में पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कई प्रयास किए, लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर उनकी दोहरी नीति के कारण यह संभव नहीं हो सका। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान समझे कि बातचीत के लिए उसे आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करना होगा।'
भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान स्थिति को समझने के लिए, हमें कुछ प्रमुख मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए:उन्होंने पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर आगे कहा कि हर एक एक्शन का रिएक्शन होता है। जहां तक जम्मू एवं कश्मीर की बात है तो अनुच्छेद 370 समाप्त हो चुका है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ हम किस तरह के रिश्ते के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद और बातचीत को एक साथ नहीं देख सकता है और पाकिस्तान को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना होगा यदि वह भारत के साथ बातचीत करना चाहता है।
हमने कई बार बातचीत करने की कोशिश की
विदेश मंत्री का यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों में आए तनाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा, 'हमने अतीत में पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कई प्रयास किए, लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर उनकी दोहरी नीति के कारण यह संभव नहीं हो सका। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान समझे कि बातचीत के लिए उसे आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करना होगा।'
1. सीमा विवाद और संघर्ष
- सीमा पर तनाव: भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे प्रमुख मुद्दा कश्मीर का है। नियंत्रण रेखा (LoC) पर समय-समय पर दोनों देशों के बीच गोलीबारी होती रहती है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर संघर्ष विराम उल्लंघन के आरोप लगाए हैं।
- सीज़फायर समझौता: 2021 में दोनों देशों ने एक नए संघर्ष विराम समझौते का पालन करने पर सहमति जताई थी, जिससे सीमा पर कुछ हद तक शांति बनी रही। लेकिन हाल के महीनों में, कुछ छोटे संघर्षों की रिपोर्ट आई है।
2. राजनीतिक संबंध
- वार्ता की स्थिति: हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच वार्ता की प्रक्रिया बहुत धीमी रही है। 2019 के पुलवामा हमले और बालाकोट हवाई हमले के बाद से तनाव बढ़ा था, और तब से उच्च-स्तरीय बातचीत में कमी आई है।
- कूटनीतिक संबंध: दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क सीमित है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने पक्ष को रखने की कोशिश की है। हाल ही में BRICS और SCO जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात हुई थी।
3. आर्थिक और व्यापारिक संबंध
- व्यापार पर प्रतिबंध: 2019 के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध लगभग निलंबित हो गए हैं। पाकिस्तान ने भारत से आयात पर प्रतिबंध लगाए हैं, और भारत ने भी व्यापार में कोई नई पहल नहीं की है।
- आर्थिक चुनौतियां: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी एक बड़ा मुद्दा है, जहां IMF से मदद मिलने के बावजूद वित्तीय संकट बना हुआ है। भारत इस स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।
4. आतंकवाद और सुरक्षा
- आतंकवाद का मुद्दा: भारत लगातार पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है। इस मुद्दे पर भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घेरने की कोशिश की है।
- सुरक्षा उपाय: भारत ने अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सीमा पर कड़ी चौकसी और सैन्य तैयारियों में इजाफा किया है।
5. अंतरराष्ट्रीय दबाव और हस्तक्षेप
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय: भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर है। अमेरिका, चीन, और रूस जैसे बड़े देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।
- संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने भी दोनों देशों के बीच शांति बहाली के लिए अपने प्रयास जारी रखे हैं, लेकिन कोई ठोस परिणाम अभी तक नहीं निकला है।
निष्कर्ष:
वर्तमान में, भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं, लेकिन दोनों देशों ने व्यापक संघर्ष से बचने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। सीमा पर स्थिति हमेशा संवेदनशील रहती है, और दोनों देशों के बीच वार्ता की संभावना फिलहाल कम नजर आती है।
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